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Hindi Poem || Love Proposal || स्वीकार यदि लेती मुझे || KaviKumar Sumit || Poem In Hindi

HINDI POEM :- लाचारों में BY KAVIKUMAR SUMIT



लाचारों में

शायरों  में  ढूंढा  तुझको  पाया  है  सितारों  में,
देखो यूं  देख  के मुझको जा रहे  हैं  किनारों  में |

ये जो लत  है  लगी इनको नाव बिन पतवारों के,
देखो  चढ़े  जा  रहे  हैं  पेड़  बिन  आधारों  के |

घर जो इत्मिना बनाया है देखो कुण्डी है द्वारों में,
दे दो आशीष भी इनको स्वप्न न  हों  गुबारों में |

जो बुलबुले हैं साबुन के उग  गए  हैं  खारों  में,
राह इनकी  है  नुकीली  चल  रहे  हैं  चारों  में |

दिन वो भी याद हैं मुझको चल रहे थे ये तारों में,
आज चाहत है तारों की चीज हैं ये  व्यापारों  में |

लिख रहा हूँ मैं अटपटा पाया मैंने जो  यारों  में,
सु बन जाएँ मित सभी नाम हो हर  दीवारों  में |